देश लिखता था,
शिलाओं - भोजपत्रों पर,
धर्म,
साहित्य,
विज्ञान,
नृत्य,
योग और तर्क,
देश अब लिखता है वाट्सऐप पर,
और करता है कुतर्क .
No comments:
Post a Comment