देश कभी ऋषियों का था,
फिर राम का,
बुद्ध का भी हुआ,
इसी क्रम में
रिसते – घिसते
ये देश गांधी का भी हुआ,
और अंत में ये हुआ,
गद्दी पर बैठे बाबुओं का,
जिनके पास,
ऋषि,
राम,
बुद्ध,
गांधी,
सबकी फ़ाइलें पड़ी है।
No comments:
Post a Comment