Sunday, March 15, 2015

मेरी दुनिया या मेरा कैनवास इतना डिलाइट फुल भी नहीं है

सुनो मैं कुछ लिखना चाहता हूँ 
पर प्रेम पर नहीं
कुछ इंस्पिरेशन पर भी नहीं
तुम जानती हो
मेरी दुनिया या मेरा कैनवास
इतना डिलाइट फुल भी नहीं है
सुबह की अंगड़ाई
और ब्लैक टी तक
तुम होती हो
और तुम्हारे पसंदीदा गाने
जितने भी सुने है मैंने तुमसे
वो सब कुछ
फिर और चीजें इन्वॉल्व हो जाती है
ये जीवन और उसका चक्कर
दुनिया मदारी
और मैं उसका बन्दर
फिर अगली सुबह
वही कड़क अंगड़ाई
ब्लैक टी
और तुम्हारे पसंदीदा गाने !!!

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