Sunday, March 15, 2015

तोहफा कबूल है !!!

आज मुझे दिवाली गिफ्ट में एक कलम मिली , पार्कर , मैंने भी अपने एक बेहद अजीज को यही दिया था , उनके शादी के तोहफे में , खैर मुझे जानने वाले मुझे अलग अलग जानते है , जैसों घर वाले नालायक बेटे के रूप में , मकान मालिक एक शांत किरायेदार के रूप में , ठेके वाला ( वो भी मुझे जानता है ) एक अच्छे ग्राहक के रूप में और दोस्तों की नजर में एक छोड़े हुए प्रेमी के रूप में .... पर बॉस मुझे एक लेखक के तौर पे जानता है , सच में मुझे कभी किसी ने कलम नहीं दी कोई सी भी नहीं .... ये तोहफा पहला तोहफा है , तोहफा कबूल है शुक्रिया बॉस !!!

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