Saturday, March 29, 2014

एक बंद कमरे में , बड़बड़ाता हुआ लड़का

एक बंद कमरे में
बड़बड़ाते हुए लड़के से ज्यादा
कुछ नहीं हूँ
बहुत सी चीजें बिखरी है
कमरे में
और जीवन में भी ,
हाँ ऐसा होता है
कई बार
वक़्त बेवक़्त
याद आ जाते है
हमारे साथ बिताये वो अच्छे पल
पर अब उतना वीक नहीं पड़ता
क्योंकि जानता हूँ
मैं एक बंद कमरें में
बड़बड़ाते हुए लड़के से ज्यादा कुछ नहीं हूँ !!!

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