Thursday, February 14, 2013

यू पी टूरिज्म


भारत के
उत्तर पश्चिम में
कुछ 20 करोड़ लोग
बाट जोह रहे है
गंगा और यमुना के किनारे
पलकें बिछाएं
मगध से मुग़ल तक
सभ्यताएं समायें
कही कुम्भ के मेले लगाये
कही ताजमहल बनाये
कहीं घाटों पर दिए जलाये
और कही पे बुलंद दरवाजा सजाये
यही राम ने मर्यादा के पाठ सिखाये
यही कृष्ण ने रास रचाए
यही सूर तुलसी कबीर ने दोहे गाये
यही बुध्ध ने अपने प्रथम वचन सुनाये
यही चन्द्र शेखर "आजाद" कहलाये
इस माटी ने कितने ही महापुरुष बनाये
कण कण है जितना विविध
उतनी ही विविध यहाँ की लोक कलाए
हम ना हो यकीं
तो खुद देखने आये
अतिथी कैसे यहाँ आके
देव बन जाए

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