मेरे ख्वाबगाह में
तुम मत आना
तुम्हारे आने से
चीजें हिल जाती है
मन करता है
जमी धूल को "फू" करके उड़ा दूँ
मेरे ख्वाब गाह में
जहाँ तितलियाँ लगी है
मकड़ियों के जालों में
ऐसी जगह जहाँ सब कुंद है
मंद है
वहां तुम मत आना
तुम्हारे आते ही
सब ठीक होने लगता है
मेरे ख्वाबगाह में ....
wah kya baat hai...
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