यहाँ विचारों की उत्तेजना के अलावा
कुछ भी नहीं है
क्योंकि बाकी सारी चीजें पैसों से मिलती है
तुम यही चाहते थे ना
मैं टाई पहन लूँ
और सभ्य बन जाऊं
हमारी - तुम्हारी
औरतों का भेद मिट जाए
नहीं ये कहना गलत होगा
सेक्स तो तब से है
जब इंसान जानवर था
और तब तक रहेगा
जब इंसान फिर से जानवर हो जाएगा
फिर और बचा ही क्या है
तुम्हारी दी हुई टाई
तो पहन ही ली है मैंने
वही टाई
जो शायद हमने
सिन्धु हडप्पा के दौरान ही
अपने बैलों घोड़ों को पहनाई थी
शयद उन्हें सभ्य बनाने की
हमारी वो पहली कोशिश होगी
खैर छोड़ो
अब बोलो बचा ही क्या है
तुम्हारी दी हुई टाई तो पहन ही ली है मैंने
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