लिख दिया गया है
नाम तुम्हारा
बहुत कोशिश हुई
कुछ अभी भी जारी है
पर ना मिटा है
ना मिटेगा
नाम तुम्हारा
सत्तर के दशक में
जब लोगों में क्रोध था
न्याय नहीं था
हर जगह अवरोध था
तब भले सिनेमाई ही सही
पर था तो बस नाम तुम्हारा
कोई तुमसा भेस बनाता
कोई तुमसा भाव बनाता
ना जाने कितने गुमनामों को
नाम दे गया
नाम तुम्हारा
हे मधुशाला के वाचक
कर्मयोग के साधक
काल के कपाल पर
लिख दिया गया है नाम तुम्हारा
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