तुम्हारा ख्याल आते ही
लम्हे ठहर जाते है
गुलाबों से भरी कश्ती
दिल से गुजर जाते है
तुमने समझा होगा
यूँ ही कोई मनचला
पर हम वो नहीं
जो वादों से मुकर जाते है
तुम जो जरा रूठ गए
तो हम शीशे सा बिखर जाते है
ना जाने कितने जतन से
फिर संभल पाते है
तुझे पाने की कोशिश है
बड़ी मासूम सी
देखें तो जरा
ये जलवे किधर जाते है
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