कर्म से भागा हुआ ,
मोह को त्यागा हुआ ,
सूखी कंदमूल खाया हुआ ,
रूखी कंदराओं में पाया हुआ ,
अचरज होता है मुझे ,
जब नव युवतियाँ ,
जो अभी अभी विवाहित है,
पुत्र मांगती है,
व्यापार में पड़े व्यक्ति ,
जो अभी भी सफल नहीं है
धन मांगते है ,
वृद्ध , जर्जर या रोगी व्यक्ति ,
थोडा और जीवन मांगते ,
वह बस मुस्कुराता है
और कहता है
तथास्तु !!!
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