Wednesday, June 27, 2012

साधू


कर्म से भागा हुआ ,
मोह को त्यागा हुआ ,  
सूखी कंदमूल खाया हुआ ,
रूखी कंदराओं में पाया हुआ ,
अचरज होता है मुझे ,
जब नव युवतियाँ  ,
जो अभी अभी विवाहित है, 
पुत्र मांगती है, 
व्यापार में पड़े व्यक्ति ,
जो अभी भी सफल नहीं है 
धन मांगते है ,
वृद्ध , जर्जर  या रोगी व्यक्ति ,
थोडा और जीवन मांगते ,
वह बस मुस्कुराता है 
और कहता है 
तथास्तु  !!!   
   

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