कहीं से कुछ मिला
शायद मेरा ही था
बस थोड़ी धूल जमी थी
कही कोने पे पड़ी थी
सीली सीली सी महक
और थोड़ी नमी थी
नहीं पता जाने क्यों रख के भूल गया था
शायद वह उपयोग में नहीं था
पर बिना उसके मैं मरा मरा सा था
हर कहीं सब कुछ बिखरा बिखरा सा था
फिर भी न जाने क्यों उसकी सुध नहीं थी
क्योंकि तुम ही नहीं थी
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