तुम कुछ धूलि धूलि सी लग रही हो
थोड़ी खिली खिली सी लग रही हो
जो सिलवटें पड़ गयी थी
पेशानी पर
वह अब मिटी मिटी सी लग रही हैं
तुम्हारी आँखें जो भरी थी डबा डब
वह अब खुली खुली सी लग रही हैं
कल तक तो थी तुम
पुरानी मेज जैसी
आज नयी नयी सी लग रही हो
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