Wednesday, April 15, 2020

मैं इस शहर का होना चाहता हुँ ।

पैसा यहाँ,
जरूरत से ज्यादा आदत है,
मामा मारीच की ये नगरी,
आपकी मृगतृष्णा  को जगाये रखती है,
आपको  दिन रात भगाये रखती है,
निन्न्यानवे के फेर में,
कब निन्यानवे के हो लेंगे,
आप यकीन ही नही कर पाएंगे,
धनपशुओं, धनलोलुपों को,
दिन रात धन के पीछे भागते देखना ही,
इस शहर में आपका होना है । 

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