नीम का पेड़
राही मासूम रज़ा वाला नहीं
मेरे घर वाला
जहाँ मैं और ताऊ
बैठ कर जहाँ भर की ठिठोली करते थे
जहाँ होती थी बाते कि
बुश ने कितने "बम्ब" गिराए ईराक़्क पर
वो बम बम्ब और इराक को ईराक़्क बोला करते थे
माँ हमारी बातों से खौलती थी
पापा बोलते थे खेलने दो
मैं मासूमियत से पूछता था
जब इतने बम्ब गिरते है वहाँ , तो लोग नीम के पेड़ के नीचे कैसे बैठ पाते होंगे
ताऊ बोलता ~ ठीक वैसे ही जैसे यहाँ बैठे है हम लोग
और फिर एक जोर का पुलिसिया ठहाका जिसमे मेरी हंसी भी मिली होती थी I
जहाँ मैं और ताऊ
बैठ कर जहाँ भर की ठिठोली करते थे
जहाँ होती थी बाते कि
बुश ने कितने "बम्ब" गिराए ईराक़्क पर
वो बम बम्ब और इराक को ईराक़्क बोला करते थे
माँ हमारी बातों से खौलती थी
पापा बोलते थे खेलने दो
मैं मासूमियत से पूछता था
जब इतने बम्ब गिरते है वहाँ , तो लोग नीम के पेड़ के नीचे कैसे बैठ पाते होंगे
ताऊ बोलता ~ ठीक वैसे ही जैसे यहाँ बैठे है हम लोग
और फिर एक जोर का पुलिसिया ठहाका जिसमे मेरी हंसी भी मिली होती थी I
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